धातु:
भौतिक गुण:
चमक: ताजी पॉलिश करने पर धातुएँ आम तौर पर चमकदार, धात्विक चमक प्रदर्शित करती हैं।
चालकता: मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण गर्मी और बिजली का उत्कृष्ट संवाहक।
लचीलापन और लचीलापन: हथौड़े से ठोककर पतली चादरें बनाई जा सकती हैं (लचीलापन) और तार बनाए जा सकते हैं (लचीलापन)।
घनत्व: आम तौर पर गैर-धातुओं की तुलना में उच्च घनत्व।
सामान्य धातुएँ और उनके यौगिक:
आयरन (Fe): आमतौर पर स्टील, कार्बन के साथ एक मिश्र धातु, और हेमेटाइट और मैग्नेटाइट जैसे विभिन्न अयस्कों में पाया जाता है।
कॉपर (Cu): विद्युत तारों और पाइपलाइन में इसके उपयोग के लिए जाना जाता है; कॉपर सल्फेट जैसे यौगिक बनाता है।
एल्युमीनियम (अल): मिश्र धातु, पैकेजिंग और निर्माण सामग्री में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली हल्की धातु।
सोना (एयू) और चांदी (एजी): आभूषण और मुद्रा के लिए उपयोग की जाने वाली मूल्यवान धातुएँ; विभिन्न यौगिक बनाते हैं।
रासायनिक गुण:
संक्षारण प्रतिरोध: कुछ धातुएँ, जैसे सोना और प्लैटिनम, संक्षारण के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी होती हैं।
प्रतिक्रियाशीलता: धातुएं इलेक्ट्रॉनों को खोने लगती हैं, जिससे सकारात्मक आयन (धनायन) बनाने की प्रवृत्ति प्रदर्शित होती है।
अधातुएँ:
भौतिक गुण:
चमक की कमी: गैर-धातुओं में आमतौर पर धातुओं में देखी जाने वाली धात्विक चमक की कमी होती है।
ख़राब चालकता: अधातुएँ ऊष्मा और बिजली की ख़राब चालक होती हैं।
भंगुरता: कई अधातुएँ भंगुर होती हैं और इन्हें आसानी से धातुओं जैसा आकार नहीं दिया जा सकता।
कम घनत्व: धातुओं की तुलना में गैर-धातुओं का घनत्व आमतौर पर कम होता है।
सामान्य अधातुएँ और उनके यौगिक:
ऑक्सीजन (O2): श्वसन के लिए आवश्यक; धातुओं के साथ मिलकर ऑक्साइड बनाता है।
कार्बन (सी): हीरे और ग्रेफाइट सहित विभिन्न रूपों में मौजूद है; कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसे यौगिक बनाता है।
नाइट्रोजन (N2): पृथ्वी के वायुमंडल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है; अमोनिया जैसे यौगिक बनाता है।
क्लोरीन (Cl2): एक हैलोजन जिसका उपयोग कीटाणुनाशक में किया जाता है और विभिन्न यौगिक बनाता है।
रासायनिक गुण:
इलेक्ट्रॉन लाभ: गैर-धातुएं इलेक्ट्रॉन प्राप्त करती हैं, जिससे नकारात्मक आयन (आयन) बनते हैं।
धातुओं के साथ प्रतिक्रियाशीलता: अधातुएँ अक्सर धातुओं के साथ प्रतिक्रिया करके आयनिक यौगिक बनाती हैं।
अम्ल निर्माण: ऑक्सीजन के साथ मिलकर अधातुएँ अम्लीय यौगिक बना सकती हैं।
यौगिक:
आयनिक यौगिक:
धातु और गैर-धातु बंधन: आमतौर पर धातुओं और गैर-धातुओं के बीच बनता है।
इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण: आयनिक यौगिक सकारात्मक रूप से चार्ज किए गए धातु आयनों और नकारात्मक रूप से चार्ज किए गए गैर-धातु आयनों के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं।
सहसंयोजक यौगिक:
गैर-धातु और गैर-धातु बंधन: दो गैर-धातुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों के बंटवारे से बनता है।
आणविक संरचना: सहसंयोजक यौगिक परिभाषित संरचनाओं वाले अणुओं के रूप में मौजूद होते हैं।
धातुओं, अधातुओं और उनके यौगिकों के दृश्य गुणों को समझना रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण है, जो विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं में उनके व्यवहार, अनुप्रयोगों और अंतःक्रियाओं में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
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